बच्चों में भी होता है यूटीआई रोग, जाने कैसे करें इसका इलाज

बच्चों में भी होता है यूटीआई रोग, जाने कैसे करें इसका इलाज

सेहतराग टीम

आजकल कई ऐसी बीमारियां फैल रही है, जो लोगों को काफी परेशान कर रही है। वही कई बीमारी के बारे में कहा जाता है कि वह सिर्फ बच्चों में होती है। वहीं कई बीमारी को वयस्कों का रोग कहा जाता है, लेकिन आज हम एक ऐसे रोग के बारे में बताएंगे, जो वैसे तो वयस्कों में अधिकतर पाया जाता है। लेकिन वो कभी-कभी बच्चों में भी होता है। जी हां हम बात कर रहें हैं यूटीआई की, जो कहा जाता है कि ये वयस्कों की बीमारी है, लेकिन आपको बता दे कि यह बीमारी पांच साल की आयु के पहले ही लगभग आठ प्रतिशत लड़कियों और दो प्रतिशत लड़कों में होती है। छोटे बच्चे संवेदनशील होते हैं, जो उन्हें कई संक्रमणों और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के लिए अति संवेदनशील बना देते हैं। शुरुआती सालों में बच्चों के पेट में आसानी से कीड़े हो जाते हैं, जिसके लिए उन्हें हर 6 माह बाद कीड़े की दवाई भी दी जाती है। इम्युनिटी की कमी होने के कारण बच्चे सामान्य सर्दी और अन्य संक्रमणों से हर मौसम में ग्रस्त रहते हैं। ऐसे ही बच्चों को होने वाले खतरनाक संक्रमणों में से एक है यूटीआई (UTI)। यूटीआई शरीर के मूत्र पथ से जुड़ा संक्रमण है, जिसे 'यूरिनेरी ट्रैक्ट इंफेक्शन' भी कहा जाता है। जबकि यह ज्यादातर माना जाता है कि यूटीआई केवल वयस्कों में होता है और खासकर महिलाओं में। पर 5 साल के कम उम्र के बच्चों में ज्यादा खतरनाक हो जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

5 साल के कम उम्र में कैसे होता है यूटीआई (UTI)?

जब रोगाणु यानी की बैक्टीरिया मूत्र पथ में एक रास्ता खोजते हैं, तो संक्रमण होता है। बच्चों में, यूटीआई आमतौर पर तब होता है जब उनकी त्वचा या मल से बैक्टीरिया मूत्र पथ में प्रवेश करते हैं और मल्टीपाई हो जाते हैं। लड़कियों को यूटीआई होने की संभावना अधिक होती है क्योंकि उनका मूत्रमार्ग छोटा होता है, जिससे गुदा से बैक्टीरिया आसानी से योनि और मूत्रमार्ग में प्रवेश कर जाते हैं। लड़कों के मामले में, जिन लोगों का खतना नहीं हुआ है, उन्हें यूटीआई का थोड़ा अधिक खतरा है। रिफ्लक्स (vesicoureteral reflux या VUR) नामक समस्या वाले बच्चों का जब मूत्र का प्रवाह गलत तरीके से होता है - तो संक्रमण का खतरा अधिक होता है। कभी-कभी कुछ बच्चे इस समस्या या मूत्र प्रणाली के अन्य जन्म दोषों के साथ भी पैदा होते हैं, जो आगे चलकर और गंभीर समस्या हो सकती है।

बच्चों में यूटीआई के लक्षण

छोटे बच्चों में बच्चों में यूटीआई के लक्षण देखना मुश्किल ही होता है। बच्चे में यूटीआई अधिक गंभीर होने पर किडनी इंफेक्शन का रूप ले सकती है। ऐसे में जरूरी ये है कि आपको बीमार होने से पहले ही यूटीआई के लक्षणों को समझकर अपने बच्चों का इलाज करवाना चाहिए।

पेट के निचले हिस्से में दर्द

- पीठ या बगल में दर्द

- पेशाब करने या बार-बार पेशाब करने की तत्काल आवश्यकता

- कुछ बच्चे अपने पेशाब पर भी नियंत्रण खो देते हैं और बिस्तर गीला कर सकते हैं

- खून की बूंदें भी मूत्र में देखी जा सकती हैं या पेशाब का गुलाबी हो जाना

शिशुओं के मामले में, यूटीआई के लक्षण

- बुखार

- उपद्रव

- भोजन में कम रुचि

- ज्यादा रोना

पेट खराब इत्यादि।

 बच्चों में यूटीआई को कैसे रोकें

- स्वच्छता सबसे बुनियादी और सबसे जरूरी आदत है, जिसे बच्चे को अपनाना चाहिए। वाशरूम की साफ-सफाई भी इसमें महत्वपूर्ण है।

- माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे गंदे वाशरूम के संपर्क में तो नहीं हैं और फिर बीमारी के लक्षणों को देखें।

- नियमित रूप से बच्चे के डायपर को बदलना भी कुछ ऐसा है, जो माता-पिता को बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने के लिए ध्यान में रखना चाहिए।

- लड़कियों को योनि और मूत्र मार्ग में बैक्टीरिया को रोकने के लिए आगे से पीछे की ओर पोंछने का निर्देश देना चाहिए।

- बच्चों को जल्द से जल्द बाथरूम जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और इसे रोक कर रखेन के लिए मना करना चाहिए।

- एयरफ्लो में सुधार करने और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने के लिए सूती अंडरवियर (नायलॉन वाले नहीं) बच्चों को पहनाना चाहिए।

- बच्चों को बहुत सारा पानी पीने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जो मूत्र पथ से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करेगा। 

- यूटीआई कब्ज का भी एक मुख्य कारक हो सकता है। इसलिए सब्जियों और फलों के रूप में फाइबर का सेवन करें।

(साभारः दैनिक जागरण)

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